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लोकसभा चुनाव के मैदान के साथ हवा में राजनीतिक दलों में लड़ाई
लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में राजनीतिक दलों के नेताओं को एक दिन में ज्यादा से ज्यादा चुनावी सभाओं, रैलियों के लिए हवाई मार्ग का इस्तेमाल करना होता है लेकिन देश की एविएशन इंडस्ट्री के ज्यादातर हवाई जहाजों व हेलीकॉप्टरों को भाजपा ने बुक कर लिया। अब दूसरे दलों के सामने संकट की स्थिति बन गई है। महागठबंधन के दलों ने हवाई यात्राओं में भी शेयरिंग करने का फैसला किया है।
आम चुनावों के लिए चुनाव प्रचार का क्रम शुरू हो रहा है।
राजनीतिक सरकार बनाने के लिए अपनी सीटों की संख्या को ज्यादा करने कम समय में ज्यादा स्थानों पर पहुंचने के लिए हवाई मार्गों का इस्तेमाल करना चाह रही है। कार्यक्रम बनाने के लिए किराए के हवाई जहाज और हेलीकॉप्टरों को किराए पर लिया जा रहा है। बुकिंग के लिए राजनीतिक दलों ने जब देश की एविएशन कंपनियों से संपर्क किया तो पता चला कि 50 फीसदी से ज्यादा बुकिंग भाजपा ने करा रखी है।
मांग ज्यादा होने से एविएशन कंपनियों की चांदी हो गई है। आमतौर से हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर घंटे के हिसाब से बुक होते हैं लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार थमने तक के लिए बुकिंग करा ली है। अब दूसरे दलों को ज्यादा किराए पर हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर लेना पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि देश में ढाई सौ से ज्यादा हेलीकॉप्टर और करीब दो सौ हवाई जहाज हैं। एविएशन कंपनी से जुड़े कुछ लोगों से बात करने पर पता चला कि एक इंजन वाले हेलीकॉप्टर का किराया एक लाख से लेकर दो लाख तक प्रतिघंटा होता है। दो इंजन के हेलीकॉप्टर का किराया दो से तीन लाख तो दिनभर के लिए 15 से 20 लाख रुपए किराए पर हेलीकॉप्टर दिया जाता है। मांग बढ़ने और उपलब्धता कम होने पर किराया कई और गुना भी बढ़ सकता है।
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