नर्सिंग घोटाले में सीबीआई-कॉलेज संचालकों के गठजोड़ के बाद सत्ता पक्ष-विपक्ष की जुगलबंदी

मध्य प्रदेश के शिक्षा जगत के व्यापम के बाद दूसरे बड़े नर्सिंग घोटाले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही जुगलबंदी से इस मामले को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस के युवा नेता जहां इस मुद्दे को उठाने के लिए जेल तक होकर आए तो उनके ही वरिष्ठ नेताओं की गतिविधियां इस मामले में विपक्ष की भूमिका को संदेह के दायरे में ला रहे हैं। पिछले दिनों का एक धरना इस मामले में चर्चा में रहा था तो अब दिल्ली के एयरपोर्ट की एक तस्वीर ने जुगलबंदी को फिर हवा दे दी है। पढ़िये रिपोर्ट।

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में अदालत में पेश एक रिपोर्ट के बाद सीबीआई की एक टीम व कॉलेज संचालकों के गठजोड़ के पर्दाफाश होने के बाद अब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुगलबंदी की सार्वजनिक रूप से चर्चाएं होने लगी हैं। नर्सिंग घोटाले का मुद्दा उठाने वाले व्हिसिलब्लोअर और एनएसयूआई नेता रवि परमार को हथकड़ी पहनाकर जेल तक में जाना पड़ा था लेकिन उन्होंने इस लड़ाई को लड़ा और जब सीबीआई की एक टीम ने नर्सिंग कॉलेजों की एक रिपोर्ट सबमिट की तो उसकी असलियत को सामने लाई गई। जिन कॉलेजों को अदालत में पेश की गई रिपोर्ट में क्लीनचिट दी गई थी, उनमें से कई का जमीन पर अस्तित्व नहीं था तो साधन-सुविधाविहीन थे। इसकी जांच दिल्ली सीबीआई की टीम ने अलग से की और अपने साथियों के कागजों पर चल रहे नर्सिंग कॉलेज-संस्थानों के साथ सांठगांठ को पकड़ा तो सीबीआई ने अदालत के आदेश पूरे मामले की जांच शुरू की। इस दबाव में राज्य सरकार ने फैसले लेना शुरू किए और रजिस्ट्रार सुनीता शिजू – दिवगैंया जैसी मछलियों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी करना शुरू किए। साथ ही सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच जुगलबंदी का पर्दे के पीछे एक घटनाक्रम भी सामने आया जो सोशल मीडिया के इस दौर में वायरल भी हुआ।
कांग्रेस के व्यापम से जुड़े नेता की सक्रियता
नर्सिंग घोटाले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच शुरू हुई जुगलबंदी में व्यापम घोटाले से जुड़े रहे एक नेता सक्रियता काफी चर्चा में मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव का टिकट मांगने वाले इस नेता ने नर्सिंग घोटाले में भाजपा के एक नेता की अपनी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के पारिवारिक कार्यक्रम में बुलाकर मुलाकात कराया जाना चर्चा में है। इस मुलाकात के बाद घोटाले को लेकर पार्टी के धरने में उन्होंने अपनी तस्वीर को वरिष्ठ नेताओं के बीच चस्पा कराकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अपने योगदान को दर्शाया।
दिल्ली एयरपोर्ट की एक तस्वीर अब चर्चा में
नर्सिंग घोटाले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच की इस जुगलबंदी का ताजा उदाहरण दिल्ली एयरपोर्ट की एक तस्वीर का है जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के विश्वस्त पूर्व विधायक कुणाल चौधरी और मोहन यादव सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री विश्वास सारंग दिखाई दे रहे हैं। कुणाल चौधरी और सारंग की यह मुलाकात महज संयोग भी हो सकती है लेकिन एक आईटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने अपने फेसबुक एकाउंट पर इसे नर्सिंग घोटाले से जोड़कर बताकर जुगलबंदी को हवा दी। हालांकि अजय दुबे की फेसबुक आईडी से कुछ घंटे बाद ही यह तस्वीर डिलीट भी हो गई मगर इसका कई लोगों ने स्क्रीनशॉट लेकर उसे वायरल कर दिया।

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