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अभय मानके व साथी कलाकारों की ‘गीत रामायण’ की प्रस्तुति
संस्कृति संचालनालय, मध्यप्रदेश द्वारा- मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में 29 सितम्बर से 11 अक्टूबर, 2020 तक आयोजित कला विविधताओं के प्रदर्शन ‘गमक’ के दूसरे दिवसमराठी अकादमी द्वारा अभय मानके और साथी कलाकारों की ‘गीत रामायण’ की प्रस्तुति का संयोजन किया गया|
गीत रामायण मराठी भाषा का संगीत काव्य है| मराठी कवि श्री गजानन दिगंबर माड् गुलकर द्वारा रचित इस रचना को मराठी के प्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार श्री सुधीर फड़के ने संगीतबद्ध किया है | इसकी लोकप्रियता को देखते हुए इसका अनुवाद देश की 37 भाषाओँ में किया गया है और गाया जाता है | गीत रामायण के हिंदी अनुवाद का श्रेय ग्वालियर के पंडित रूद्र दत्त मिश्रा को जाता है| श्री अभय मानके ने हिंदी में गीत रामायण के गायन देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर किये हैं| श्री मानके का मुख्य परिचय गीत रामायण के विशेष प्रस्तोता के रूप में है| देश-विदेश में मराठी और हिंदी गीत रामायण के 3556 कार्यक्रम अभी तक संपन्न किये हैं जिसमें वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस माॅरीशस रामायण सेंटर प्रमुख हैं| मराठी कीर्तनकार के रूप में आपकी ख्याति सर्वत्र प्रसारित है| इसके साथ ही देश के मूर्धन्य संगीतकारों के साथ आप मंच पर तबला संगति करते हैं| आज आपने – राग माण्ड में‘राम जन्म’, राग बिहाग में ‘सीता स्वयंवर’, राग तोड़ी में ‘राम वन गमन’ एवं मिश्रित रागों में ‘केवट प्रसंग’, ‘सेतु बंधन’, ‘राज्याभिषेक’ आदि प्रसंगों को पूरी दक्षता के साथ प्रस्तुत किया और राग भैरवी में ‘रामायण के गीत सुनाना…’ गीत के साथ गायन का समापन किया | प्रस्तुति में सहगायिका के रूप में श्रीमती अमृता मानके, तबले पर वैभव भगत, कीबोर्ड पर रवि सालके, हारमोनियम पर जितेंद्र शर्मा और झांझ-मंजीरा पर राजू पासखेड़े ने संगति दी |
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