मध्य प्रदेश कांग्रेस को विधानसभा चुनाव 2023 में जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा है जिसके चलते पार्टी को एकबार फिर प्रदेश में सत्ता से दूर रहना पड़ा है। इस हार के बाद पार्टी हाईकमान की प्रदेश नेतृत्व से ऐसी नाराजगी देखने को मिली कि प्रदेश नेतृत्व की कमान चार दशकों से पार्टी के लिए केंद्र में संकटमोचक की भूमिका निभाते रहे कमलनाथ को हटाकर युवा नेतृत्व को कमान सौंप दी गई। युवा नेतृत्व में हाईकमान ने विधानसभा चुनाव 2023 में हारे हुए नेता को यह जिम्मेदारी दे दी लेकिन हाईकमान का यह फैसला अब गली की हड्डी बन गया है। गुटों में बंटी प्रदेश कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद दूसरे प्रमुख गुट के प्रमुख माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ही भाजपा की गोद में जाकर बैठ गए।
अपनों के अपने छोड़ रहे साथ
प्रदेश कांग्रेस के गुटों में से एक कमलनाथ के समर्थकों के जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। कमलनाथ के समर्थकों में से पहले जबलपुर के महापौर जगतबहादुर व मनोज सेठ अन्य वरिष्ठ नेता भाजपा में चले गए थे तो इसके बाद छिंदवाड़ा के करीब आधा दर्जन पार्षदों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में ज्वाइनिंग की थी। इस सिलसिले की अगली कड़ी में सागर के पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा का साथ ले लिया था। सोमवार को इस कड़ी में कमलनाथ के भरोसेमंद युवा नेता और छिंदवाड़ा के उनके कामकाज की मॉनीटरिंग करने वाले सैयद जाफर ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली।
लोकसभा चुनाव की पैनल में शामिल नेता भी भाग रहे
कांग्रेस में मची भगदड़ में ऐसे नेता भी शामिल हैं जिनके नाम लोकसभा चुनाव में संभावित प्रत्याशी के लिए तैयार हो रही पैनल में भी रहे हैं। भोपाल लोकसभा से कांग्रेस की पैनल में कैलाश मिश्रा का नाम था तो इंदौर लोकसभा में कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी में पूर्व विधायक संजय शुक्ला का नाम था। इसी तरह सुरेश पचौरी जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी हाईकमान चुनाव लड़ाने के लिए एक रणनीति तैयार कर रही थी। मगर ये सभी नेता आज कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका से आई मादा चीता गामिनी ने शावकों को जन्म दिया है। पहली बार किसी मादा चीता ने छह शावकों को जन्म दिया है। पहले यह जानकारी थी कि गामिनी ने पांच शावकों को जन्म दिया है लेकिन केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने फोटो शेयर कर छह शावकों के जन्म की पुष्टि की है।
]]>लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही नेताओं के मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए उनके बीच पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। मगर प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीटों गुना-शिवपुरी और छिंदवाड़ा पर सबकी नजर है। केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी से भाजपा के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं तो छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और वे अभी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सिंधिया ने मतदाताओं को गले लगा रहे तो अपना बता रहे
सिंधिया अपने लोकसभा क्षेत्र गुना-शिवपुरी में इन दिनों काफी तेजी से चुनाव प्रचार में लगे हैं। ब्राह्मण समाज के बीच पहुंचकर उन्होंने मोदी के 400 पार के नारे के लिए समर्थन मांगा तो पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों ने जब उनके काफिले को रोककर समस्या बताई तो उन्होंने अपनत्व का आभास कराने कहा मैं आपके साथ हूं और इसी तरह एक महिला मतदाता अपने बेटे के कैंसर के इलाज के लिए पहुंची तो एम्स के डॉक्टरों को फोन कर उन्होंने इलाज के लिए बोला। यह तीनों अलग-अलग अंदाज सिंधिया के लोगों के बीच वायरल वीडियो से पहुंचे हैं।
आदिवासियों के पारंपरिक संगीत में नकुल का अंदाज
सांसद नकुलनाथ छिंदवाड़ा से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं और अपने पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं। इस बार चुनाव में भाजपा की चुनौती को देखते हुए कमलनाथ यहां मतदाताओं से सीधे अपील करते नजर आ रहे हैं तो उनके पुत्र नकुलनाथ ने आदिवासियों को अपनत्व बताने के लिए उनके बीच पहुंचकर उनके पारंपरिक संगीत में ढपली गले में लटकाकर बजाया तो यह वीडियो भी जमकर वायरल हुआ है।
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव चार चरणों में होने वाले हैं जिसकी घोषणा मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली में की। पत्रकार वार्ता में यह ऐलान किया जिसमें बताया गया कि देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। सभी चरणों के लिए मतगणना चार जून होगी। पत्रकार वार्ता में 543 लोकसभा सीटों के चुनाव कार्यक्रम की जानकारी दी गई है जिसमे बताया गया कि मणिपुर की एक लोकसभा सीट के लिए मतदान दो चरण में होगा।
मध्य प्रदेश में चार चरण में मतदान
मध्य प्रदेश में पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे चरण में मतदान होगा। पहले चरण में सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा में 20 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल करने की शुरुआत होगी जो 27 मार्च तक नामांकन पत्र भरे जाएंगे। 30 मार्च को नाम वापसी होगी और इस चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा। दूसरे चरण में टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद व बैतूल में 28 मार्च से चार अप्रैल तक नामांकन पत्र दाखिल होंगे और 8 अप्रैल को नाम वापसी होगी। दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल होगा। तीसरे चरण में मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ में 12 से 19 अप्रैल तक नामांकन पर्चे भरे जाएंगे और 22 अप्रैल को नाम वापसी होगी। सात मई को तीसरे चरण का मतदान होगा। चौथे चरण में देवास, उज्जैन, इंदौर, मंदसौर, रतलाम, धार, खरगोन व खंडवा में 18 से 25 अप्रैल तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे और 29 अप्रैल को नाम वापसी का तारीख तय की गई है। चौथे तरण में मध्य प्रदेश में 13 मई को मतदान होगा।
जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह वाराणसी मैं जन्मे हैं और उत्तर प्रदेश से कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद मध्य प्रदेश में न्यायिक सेवा में आए. जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह उज्जैन में भी न्यायाधीश रहे और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज के रूप में काम किया है. जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह मौजूदा लोकायुक्त एनके गुप्ता की जगह लेंगे जो अक्टूबर 2018 में शिवराज सरकार द्वारा लोकायुक्त नियुक्त किए गए थे और उनका कार्यकाल अक्टूबर 2030 में समाप्त हो गया था लेकिन नए लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं होने के कारण उनकी सेवाएं लगातार लोकायुक्त के रूप में राज्य शासन द्वारा ली जा रही थी. जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह कल शपथ ग्रहण एक या दो दिन में होने की संभावना है और उनके शपथ लेने की बात जस्टिस एंड की गुप्ता का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.
गौरतलब है कि जस्टिस गुप्ता का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उनकी लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना के डीजी रहे कैलाश मकवाना के साथ मतभेदों के चलते गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने पर टकराव की स्थिति बन गई थी क्योंकि जस्टिस गुप्ता ने मकवाना को 10 में से पांच नंबर देकर उनकी गोपनीय चरित्रावली बिगाड़ दी थी. इसके बाद मकवाना की गोपनीय चरित्र वाली मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 10 में से 10 अंक देकर सुधार दी थी लेकिन इसके बाद भी जस्टिस गुप्ता ने इस पर आपत्ति जताते हुए राज्य शासन को अपनी नाराजगी जताई थी. इसी घटनाक्रम के बाद नए लोकायुक्त की नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी उनके समर्थक पूर्व विधायक संजय शर्मा संजय शुक्ला पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी भोपाल शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नगर निगम भोपाल के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मिश्रा पूर्व विधायक विशाल पटेल पूर्व विधायक अर्जुन पलिया और उनके कई समर्थक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं. गौरतलाप है कि कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ने की खबरों को लेकर करीब एक सप्ताह तक पिछले महीने चर्चाएं चली थी और इन चर्चाओं को कमलनाथ ने मीडिया की खबरें बात कर
खंडन कर दिया था और उसके बाद राहुल गांधी की न्याय यात्रा शुरू हुई जिसमें कमलनाथ आगे आगे चले मगर सुरेश पचौरी को इससे दूर रखा गया.
पचौरी को नोटिस की चर्चा
बताया जाता है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का भोपाल में सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस जारी हुआ था जो ७ मार्च पचोरी द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा देने के पत्र के बाद निरस्त कर दिया गया. गौरतलब है कि पचौरी कांग्रेस के एक बड़े समरथ को की टीम के साथ पार्टी में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने अपने समर्थकों को कई बार विधानसभा के टिकट और नगर निगम की टिकट सहित संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दिलाई थी. पचौरी का कांग्रेस में एक अलग समर्थकों का समूह था जिसके कारण उनके विरोधी दिग्विजय सिंह और कांग्रेस में रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया से कई बार अनबन की स्थिति भी बनी. कहां यह भी जा रहा है कि पचौरी के और भी कई समर्थक आने वाले कुछ दिनों में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा सकते हैं.
कई नाम लोकसभा टिकट के पैनल में थे
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस के टिकट के लिए बनाए गए फाइनल में तो चोरी समर्थकों के नाम भी थे जिन में भोपाल से कैलाश मिश्रा इंदौर से संजय शुक्ला होशंगाबाद से संजय शर्मा के नाम प्रमुख है.
भोपाल लोकसभा सीट पर अब तक हुए 17 चुनाव में से कांग्रेस को केवल पांच बार जीत मिली है और आखिरी बार कांग्रेस के केएन प्रधान ने 1984 में यहां से लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद से आज तक भाजपा का कब्जा है। यहां अब तक की सबसे बड़ी जीत आलोक संजर की रही है जो करीब तीन लाख 74 हजार वोटों की थी। पिछली बार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से लगभग तीन लाख 68 हजार मतों से हारे थे। लोकसभा चुनावों के परिणामों को देखकर यह सीट भाजपा का गढ़ कही जा सकती है जिसके कारण 2024 में कांग्रेस के सामने प्रत्याशी चयन मुश्किल भरा लग रहा है।
तीन नाम की पैनल
सूत्रों के मुताबिक भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस की तीन नाम की पैनल बनाई गई है जिसमें सबसे बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव हार चुके पीसी शर्मा का नाम प्रमुख है। शर्मा दो बार विधायक रहे हैं और कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे थे। 2023 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। दूसरा नाम पूर्व जिला शहर अध्यक्ष कैलाश मिश्रा का है जो नगर निगम के अध्यक्ष भी रहे हैं। तीसरा नाम डिप्टी कलेक्टर से रिटायर हुए प्रशासनिक अधिकारी जीपी माली का है। माली भोपाल के ही रहने वाले हैं और लगभग पूरी सरकारी नौकरी भोपाल जिले में बितायी है।
कई और भी दावेदार दौड़ में
बताया जाता है कि तीन नामों की पैनल के बाद भी कई ऐसे दावेदार हैं जिनको अभी भी आस है। उन्होंने कई राष्ट्रीय नेताओं व स्थानीय समीकरणों के आधार पर प्रदेश के बड़े नेताओं के माध्यम से दावेदारी पेश की है। इनमें प्रमुख नाम दीपचंद यादव, श्याममोहन श्रीवास्तव, ऋचा गोस्वामी, जितेंद्र सिंह बघेल हैं। दीपचंद यादव पूर्व महापौर रहे हैं और एक बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं तो श्याममोहन श्रीवास्तव पूर्व सैन्य अधिकारी हैं। ऋचा गोस्वामी कांग्रेस के धर्म प्रकोष्ठ की अध्यक्ष हैं और कथावाचक हैं। चुनाव की तैयारियों के लिए उन्होंने भोपाल की विधानसभाओं में करीब आधा दर्जन से ज्यादा कथाएं की हैं। जितेंद्र सिंह बघेल कोलार रोड के रहने वाले हैं और प्रदेश प्रभारी रहे दीपक बावरिया के निकट रहे थे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक श्रद्धालुओं के सरल-सुलभ दर्शन की व्यवस्था हेतु नृसिंह घाट तिराहे पर स्थित गंगोत्री गार्डन से मंदिर में प्रवेश हेतु द्वार निर्धारित किया गया है। आगंतुक समस्त श्रद्धालु उक्त द्वार से प्रवेश कर चारधाम मंदिर पानी की टंकी वाले मार्ग से त्रिवेणी संग्रहालय की ओर – त्रिवेणी संग्रहालय नंदी मण्डपम् महाकाल महालोक – मानसरोवर भवन में प्रवेश कर फेसेलिटी सेंटर 01 – नवीन टनल कार्तिक मण्डपम् – गणेश मण्डपम् से बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। दर्शन उपरांत आपातकालीन निर्गम द्वार बड़ा गणेश मंदिर हरसिद्धि चौराहा झालरिया मठ के रास्ते बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
पार्किंग व्यवस्था
श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगंतुक श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उज्जैन शहर में चारों ओर से आने बाले मागों के चयनित स्थानों पर अस्थाई रूप से बाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जिनका विवरण निम्नानुसार है
मुख्य पार्किंग व्यवस्था:-
A/ कर्कराज पार्किंग (समस्त वाहनों के लिए)
इंदौर रोड से आने वाहनों की पार्किंग व्यवस्थाः-
मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को बीमारी की स्थिति में अस्पतालों के बड़े बिलों के झंझट की वजह से इलाज में होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए पीएचपीएस योजना के माध्यम से पुलिसकर्मियों को सुविधा दी गई है। इस योजना में अधिकृत अस्पतालों के अनुमानित खर्च के आधार पर पुलिसकर्मी का इलाज होता है और पुलिसकर्मी के इलाज के पश्चात संबंधित अस्पताल को बिल का भुगतान हो जाता है। रिकॉर्ड में तो अस्पतालों की कागजी खानापूर्ति नियम के मुताबिक होती है मगर अनुमानित खर्च में गड़बड़ी में कई स्तर पर अस्पताल-पुलिस में सांठगांठ के चलते अब तक यह गोरखधंधा चल रहा है।
ऐसे सामने आया मामला
भोपाल के पुलिस मुख्यालय के पास स्थित पुलिस अस्पताल में नियमित डॉक्टरों के अलावा कुछ मानदेय वाले विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जाती हैं। पिछले दिनों भोपाल के जाने-माने अस्पताल के एक डॉक्टर की मानदेय सेवाओं को निरस्त कर दिया गया। डॉक्टर को क्यों हटाया गया, इस बारे में पुलिस अधिकारी दबी जुबान में पूरे रैकेट की बात कहते हैं लेकिन अधिकृत रूप से कोई बोलने को तैयार नहीं है। जिस डॉक्टर को पुलिस अस्पताल से मानदेय से हटाया गया, उसका नाम डॉ. सव्यसाची है। डॉक्टर का महाराणा प्रताप नगर भोपाल में निजी बड़ा अस्पताल भी है। एडीजी पुलिस कल्याण अनिल कुमार ने बताया कि डॉ. सव्यसाची की मानदेय की सेवाएं समाप्त की गई हैं लेकिन कुछ डॉक्टर अभी मानदेय पर काम कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की नई बिजली दरों में तीन, पांच, दस हॉर्स पॉवर के कृषि उपभोक्ताओं के लिए शासन की सब्सिडी के मुताबिक ही बिजली बिल के भुगतान की व्यवस्था की गई है। ऐसे कृषि उपभोक्ताओं को पूरे साल में बनने वाले बिजली के बिल क्रमशः 29 हजार 533, 52 हजार 676 और एक लाख 11667 रुपए के स्थान पर राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली प्रति हॉर्स पॉवर 750 रुपए सब्सिडी के हिसाब से 2250, 3750 और 7500 रुपए का सालाना भुगतान करना होगा। शेष अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी जिससे किसानों को वास्तविक बिजली बिल में से सात फीसदी राशि ही चुकाना होगी।
निम्न दाब के उपभोक्ताओं को दरों में वृद्धि नहीं
विद्युत नियामक आयोग ने निम्न दाब के घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक और कृषि उपभोक्ताओं को राहत देते हुए उनकी बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। इसके अलावा बिजली उपभोक्ताओं को पिछले साल की तरह मीटर किराया या मीटरिंग चार्ज की वसूली नहीं की जाएगी। निम्न दाब के घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक व कृषि उपभोक्ताओं के न्यूनम प्रभार को भी समाप्त कर दिया गया है।
टीओडी टैरिफ की घोषणा
संविदा मांग वाले 10 किलोवाट के औद्योगिक व गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए टीओडी यानी समय के अनुसार टैरिफ की घोषणा की गई है। सोलर अवधि सुबह नौ से शाम पांच बजे तक 20 फीसदी की छूट और पीक अवर सुबह छह से नौ और शाम पांच से रात दस बजे तक 20 फीसदी सरचार्ज लागू किया गया है। उच्च दाब के उन उपभोक्ताओं के लिए 10 फीसदी की छूट देने की व्यवस्था की गई है जिन पर टीओडी दरें लागू हैं और उन्हें यह छूट रात दस बजे से सुबह छह बजे के उपभोग पर दी जाएगी।
ग्रीन एनर्जी जागरूकता के लिए
विद्युत नियामक आयोग ने पर्यावरण के प्रति जागरूक लोग जो केवल रिन्यूएवल एनर्जी ही जलाना चाहते हैं, उनके लिए 0.56 रुपए प्रति यूनिट अतिरिक्त भुगतान कर ग्रीन एनर्जी बिजली उपभोग करने की सुविधा दी गई है। यह पिछले साल की तुलना में 42 फीसदी कम है।