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20 वर्षों से भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश बना

20 वर्षों से भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश बना

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के साथ डेयरी किसानों की आय को भी दोगुना करने के लिए विभाग द्वारा अनेक योजनाएँ चलाई जा रही है। इस दिशा में डेयरी किसानों की आय बढाने के लिए दुधारु पशुओं की उत्पादकता बढाकर दुग्ध उत्पादन में बढोतरी करने के लिए भारत सरकार अनेक उपाय कर रही है। कृषि मंत्री ने यह बात आज रतनमन, बभनगामा, बेगूसराय में देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में कही।कृषि मंत्री ने कहा कि  पिछले 20 वर्षों से भारत विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश बना हुआ है। इस उपलब्धी का श्रेय दुधारू पशुओं की उत्पादकता बढाने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई अनेक योजनाओं को जाता है।  जहाँ 1960 के दशक में करीब 17-22 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था, वह बढकर वर्ष 2016-17 में 165.4मिलियन टन हो गया है।  विशेषकर 2013-14 की तुलना में 2016-17 में 20.12% की वृद्धि हुई है। इसी तरह प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम से बढ कर वर्ष 2016-17 में 355 ग्राम हो गई है जोकि 15.6% की वृद्धि है।  इसी प्रकार 2011-14 की तुलना में 2014-17 में डेयरी किसानों की आय में 23.77% प्रतिशत की वृद्धि हुई।  गत 3 वर्षों में प्रति वर्ष 6.3% की दर से दूध उत्पादन बढकर विश्व में दुग्ध उत्पादन की वार्षिक दर से आगे निकल गया है जहाँ दुग्ध विकास की दर 2.1% रही है।कृषि मंत्री ने इस मौके पर कहा कि उपभोक्ताओं की रुचि धीरे धीरे अधिक प्रोटीन वाले उत्पादों की ओर बढ रही है एवं वेल्यु एडेड (मूल्य वर्द्धि) उत्पादों का चलन भी बढने के कारण दूध की मांग तेजी से बढ रही है।  गत 15 वर्षों में दुग्ध सहकारी संस्थाओं ने अपने कुल उपार्जित दूध के 20% हिस्से को वेल्यु एडेड (मूल्य वर्द्धि) दुग्ध पदार्थों मे परिवर्तित किया है जिससे तरल दूध की अपेक्षा 20% अधिक आय प्राप्त होती है।  ऐसी अपेक्षा है कि वर्ष 2021-22 तक 30% दूध को मूल्य वर्द्धि पदार्थों मे परिवर्तित किया जाएगा।उन्होंने कहा कि देश में पहली बार देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु एक नई पहल “राष्ट्री य गौकुल मिशन” की शुरुआत दिसम्बर 2014 में की गई। योजना के अंतर्गत अब तक 28 राज्यों से आए प्रस्तावों को 1,348 करोड़ रुपए की राशि के साथ स्वीकृत किया जा चुका है और अब तक 503 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। राष्ट्रीय गौकुल मिशन के ही अंतर्गत गोकुल ग्राम स्थापित करना अन्य घटको के साथ शामिल है। गौकुल ग्राम देशी प्रजाति के पशुओं के विकास के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेंगे और ये प्रजनन क्षेत्र में किसानों को पशुओं की आपूर्ति हेतु संसाधन का काम भी करेंगे। योजना में 18 गोकुल ग्राम विभिन्न12 प्रदेशों मे स्थापित किए जा रहे हैं।

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