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सैन्य अधिकारियों का दल प्रदेश भ्रमण पर, राजभवन, मंत्रालय व पीएचक्यू में पहुंचा
राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के एक अध्ययन दल ने सोमवार को राजभवन, मंत्रालय, पुलिस मुख्यालय सहित कई अन्य प्रमुख जगहों पर सौजन्य भेंट की। इस मौके पर महाविद्यालय के इन अधिकारियों को राज्यपाल लालजी टंडन से प्रदेश प्रवास पर आए सैन्य और सिविल सेवा के अधिकारियों ने मुलाकात की। इनमें रूस, म्यांनमार और श्रीलंका के सैन्य अधिकारी भी शामिल थे।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का दायरा विस्तृत है। इसमें देश की परम्पराओं, संस्कृति, इतिहास, भूगोल और विभिन्न वर्गों का संरक्षण भी सैनिक जिम्मेदारियों में शामिल है। राज्यपाल टंडन ने कहा कि सुरक्षा बलों की राष्ट्र की रक्षा के साथ-साथ विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि बाहरी सुरक्षा के साथ ही प्राकृतिक आपदा और कानून एवं व्यवस्था जैसी आंतरिक चुनौतियों का सामना करने में भी सुरक्षा बलों की आवश्यकता होती है। श्री टंडन ने कहा कि देश को जितना जानेंगे, देश के प्रति श्रद्धा और गौरव का भाव उतना बढ़ेगा।
राज्यपाल ने कहा कि अध्ययन भ्रमण राष्ट्र के स्वरूप का साक्षात्कार होता है। उन्होने कहा कि भारत एक अद्भुत राष्ट्र है। यहाँ भौगोलिक दृष्टि से पहाड़, जंगल और समुद्र हैं। यहाँ पथरीले, रेगिस्तानी और समतल भूखण्ड भी हैं। विभिन्न प्रकार की वेशभूषा, भाषा, खान-पान, आचार-विचार के अनेक समूह हैं। ऐसी अनेक प्रथाएं और परम्पराएँ हैं, जो चमत्कृत कर देती हैं।
प्रारम्भ में मेजर जनरल अरविंद वालिया ने बताया कि रक्षा महाविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष भारत और अन्य राष्ट्रों के सिविल सैन्य अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाता है। कुल 47 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम 6 सप्ताह में प्रशिक्षार्णियों को विभिन्न राज्यों में अध्ययन प्रवास पर ले जाया जाता है। इस दौरान प्रतिभागी राज्यों की सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक स्थिति का चिंतन करते हैं।
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