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साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर 72 घंटे का प्रतिबंध
भोपाल लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर चुनाव आयोग ने 72 घंटे के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है। साध्वी पर यह प्रतिबंध गुरुवार को सुबह छह बजे से लागू होगा और रविवार सुबह छह बजे तक रहेगा।
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव आयोग ने शहीद हेमंत करकरे और विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराए जाने संबंधी मामलों में बयान दिए जाने पर यह कार्रवाई की है। शहीद हेमंत करकरे के खिलाफ साध्वी ने कहा था कि उन्होंने मालेगांव ब्लास्ट मामले में करकरे पर आरोप लगाया था कि पूछताछ के दौरान गाली-गलौच के साथ अदालत में कहीं से भी सबूत लाने और उन्हें नहीं छोड़ने के आरोप लगाए थे। इसलिए उन्होंने श्राप दिया था और इसके सवा महीने बाद ही मौत हो गई थी। इसके बाद विवादित बाबरी मस्जिद ढांचे को लेकर दूसरा बयान दिया था जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था विवादित ढांचे के ऊपर चढ़कर गिराने वालों में वे भी शामिल थीं। इसका उन्हें गर्व है।
साध्वी के इन बयानों में से करकरे के बयान पर अखिल भारतीय पुलिस सेवा की एसोसिएशन ने चुनाव आयोग को शिकायत भी की थी। आयोग ने दोनों मामलों की जांच और परीक्षण व साध्वी के जवाबों के बाद फैसला किया कि साध्वी की त्रुटि थी। साध्वी को आयोग ने 72 घंटे के लिए प्रचार से दूर ऱखा है। इसमें न तो वे जनसंपर्क कर सकती, न जनसभा ले सकती, न रैली निकाल सकती, न किसी समाचार पत्र या इलेक्ट्रॉनिक चैनल को साक्षात्कार दे सकतीं और न ही बयान जारी कर सकतीं।
नामांकन रद्द करने की मांग
वहीं, भोपाल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयानों पर आयोग के फैसले का स्वागत किया है लेकिन उन्होंने मांग की है कि उनका नामांकन रद्द किया जाए। सिंह ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने वालों और आतंकवाद के आरोपियों को जब उम्मीदवार बनाएगी तब ऐसा होना स्वाभाविक है। आदर्श लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना व संरक्षण के लिए इस प्रकार के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करना श्रेयस्कर होगा। दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा कि हम चुनाव आयोग के आदेश का पालन करेंगे। हमें लगता है कि हमें पुनः अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा। इसलिए हम उनके समक्ष अपील का विचार भी कर रहे हैं। हमारी पार्टी इस पर विचार कर रही है।
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