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मप्र जनजातीय संग्रहालय में ओडिसी नृत्य की प्रस्तुतियाँ
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में परम्परा, प्रदर्शनकारी कला एवं नवांकुरों के लिए स्थापित श्रृंखला ‘उत्तराधिकार’ में रविवार को ‘वायलिन वादन’ एवं ‘ओडिसी नृत्य’ की प्रस्तुतियाँ संग्रहालय सभागार में हुईं। इन प्रस्तुतियों को लोगों ने जमकर सराहा।
कार्यक्रम की शुरुआत किरण कुमार बम्नेरे के शिष्य-शिष्यों ने राग भूपाली विलम्बित ख्याल झपताल में वायलिन वादन प्रस्तुत कर की। इसके पश्चात कलाकारों ने राग भूपाली में मध्य लय त्रिताल में वायलिन वादन प्रस्तुत किया। इसके बाद राग देस मध्य लय त्रिताल में वादन प्रस्तुत कर दर्शकों को मोह लिया। इसके पश्चात किरण कुमार बम्नेरे ने राग जोग अति विलम्बित एकताल में और मध्यलय त्रिताल और झाला में वायलिन वादन प्रस्तुत करते हुए अपनी प्रस्तुति को विराम दिया। किरण कुमार बम्नेरे का साथ वायलिन वादन के दौरान तबले पर मांगीलाल मालवीय ने और वायलिन पर धनश्री मेवाड़े, प्रियंका बम्नेरे, चर्चित सिनोठिया, ऋतिक कश्यप, केशव नागर, साहिल और हार्दिक शुक्ला(किरण कुमार बम्नेरे के शिष्य-शिष्या) ने सहयोग किया।
गायन के पश्चात् सुजाता महापात्रा ने अपने साथी कलाकारों के साथ ओडिसी नृत्य की शुरुआत राग गुजरी तोडी में ‘मंगलाचरण’ विष्णु वन्दना पर ओडिसी नृत्य प्रस्तुत कर की। इस प्रस्तुति में भगवान जगन्नाथ के विराट रूप को कलाकारों ने अपने नृत्य कौशल से मंच पर बिम्बित करने का प्रयास किया। इस प्रस्तुति में संगीत बिजय कुमार झेन ने दिया। विष्णु वंदना के पश्चात कलाकारों ने राग हंसध्वनि एकताल में ‘पल्लवी’ पर नृत्य प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में कलाकारों ने अपने हाथ और नृत्य के प्रयोग से आतंरिक शुद्धता और वास्तविक खुशी को मंच पर प्रस्तुत किया| इस प्रस्तुति में संगीत पंडित भुबनेश्वर मिश्रा ने दिया| पल्लवी के बाद कलाकारों ने राग मलिका ताल मलिका में ‘अर्धनारीश्वर’ केंद्रित नृत्य प्रस्तुति प्रस्तुत कर दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। इस प्रस्तुति में शिव और पार्वती के स्वरुप को मंच पर कलाकारों ने अपने नृत्य कौशल से प्रस्तुत किया| अर्धनारीश्वर के बाद कलाकारों ने राग मलिका ताल मलिका में दुर्गा स्तुति पर नृत्य प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में माँ दुर्गा का यशो गान करने के साथ ही साथ कलाकारों ने दुर्गा के शक्ति स्वरूप को मंच पर प्रस्तुत किया| सुजाता महापात्रा ने साथी कलाकारों के साथ राग भैरवी एकताल में ‘मोक्ष्य’ केंद्रित ओडिसी नृत्य प्रस्तुत करते हुए अपनी प्रस्तुति को विराम दिया| मोक्ष्य में आंतरिक शुद्धता और आतंरिक आज़ादी को महत्त्वपूर्ण बताया गया। प्रस्तुति के दौरान सुजाता महापात्रा का साथ मंच पर नृत्य में प्रशांति, देबश्री, अंकिता गुप्ता, शिल्पा सुमन चौधरी और सौम्या ने दिया। प्रस्तुति के दौरान प्रकाश परिकल्पना में जयदेव दास ने सहयोग किया।
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