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बिहार सांस्कृतिक परिषद् द्वारा प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद जयंती का आयोजन
भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जयंती समारोह का गरिमामय आयोजन सांस्कृतिक सभागार, भेल, पिपलानी, भोपाल में शाम “देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्मृति प्रसंग” के नाम से किया गया.
सुप्रसिद्ध लोकगायक रहीमुद्दीन के द्वारा लोक शैली के मनमोहक लोकगीत प्रस्तुत किया गया
कार्यक्रम के प्रारम्भ में कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता श्री अर्जुन तिवारी, शशि रंजन प्रसाद, पी के झा एवं गणमान्य अतिथियों के द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन किया गया. तत्पश्चात भारत के प्रथम राष्ट्रपति एवं देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के आदमकद चित्र पर माल्यार्पण किया गया.
“अतिथि देवो भव” को चरितार्थ करते हुए कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का परिषद् के सतेन्द्र कुमार-महासचिव, रमा शंकर सिंह, जितेंद्र कुमार, परमानंद गिरी, डॉ संदीप, शेक्सपियर, संतोष गुप्ता, रामनंदन सिंह द्वारा पुष्पहारों से स्वागत एवं शाल श्रीफल द्वारा सम्मानित किया गया.
“देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्मृति प्रसंग” के “विमर्श’ खंड में प्रमुख वक्ता श्री अर्जुन तिवारी द्वारा देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद- एक बहुआयामी व्यक्तित्व पर विस्तृत प्रकाश डाला गया. फिर बिहार सांस्कृतिक परिषद् द्वारा संचालित डॉ. राजेन्द्र प्रसाद एवं सम्राट अशोक प्री प्राइमरी स्कूल के नन्हे मुन्ने विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति की गयी. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों का अभिनय एवं नृत्य प्रशंसीय रहा.
कार्यक्रम के अगले पड़ाव में सुप्रसिद्ध लोकगायक रहीमुद्दीन के द्वारा लोक शैली के मनमोहक लोकगीत प्रस्तुत किया गया जिसे उपस्थित दर्शकों ने काफी सराहा. परिषद के महासचिव सतेन्द्र कुमार द्वारा संस्था के वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया एवं कहा कि देश रत्न डॉ राजेन्द्र बाबू की जयंती मानकर हम लोग गौरवान्वित है स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय योगदान दिया, उनकी प्रतिभा इतनी थी कि उनके विषय मे examine is better than examiner लिखा गया। कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में “सुरसंगम कला संस्थान” पटना के लोक कलाकारों द्वारा बिहार की लोक शैली में झूमर, झिझिया, जाट-जाटिन, कजरी, सोहर, बधाईयाँ, सामा चकेबा के मनमोहक गीतों की प्रस्तुति की गयी जिसे मंत्रमुग्ध दर्शकों ने काफी सराहा. कार्यक्रम के अंत में उपस्थित दर्शकों के लिए बिहार का विश्वप्रसिद्ध स्वादिष्ट “लिट्टी चोखा” की व्यवस्था की गयी जिसे दर्शकों ने काफी चाव से खाया.
इस गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग के सहयोग से किया गया. इस अवसर पर भोजपुरी, मगही, मैथली भाषी लोग एवं शहर के निवासी काफी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए.
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