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बच्चों को सांस्कृतिक प्रस्तुति देने का राष्ट्रीय बालरंग सशक्त मंच
स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने कहा है कि पिछले कुछ वर्षों में भोपाल में होने वाले राष्ट्रीय बालरंग के सफल आयोजन से यह समारोह देश भर के प्रतिभाशाली स्कूली बच्चों को सांस्कृतिक प्रस्तुति देने का सशक्त मंच बनकर उभर कर सामने आया है। उन्होंने समारोह में शामिल बच्चों से पूरे उत्साह के साथ सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रस्तुतियाँ देने की बात कही। स्कूल शिक्षा मंत्री आज भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में तीन दिवसीय राष्ट्रीय बालरंग समारोह को संबोधित कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्कूल बैण्ड को प्रोत्साहित करने के लिये पहले चरण में 118 सरकारी हाई स्कूलों को मदद दी जाएगी। राष्ट्रीय बालरंग समारोह में 26 राज्यों के 550 स्कूली बच्चे और प्रदेश के स्कूलों के करीब 10 हजार बच्चों की भागीदारी रहेगी।स्कूल शिक्षा मंत्री कुँवर विजय शाह ने उद्घाटन समारोह में कहा कि बालरंग में विभिन्न राज्यों से आये बच्चों से सभी को देश की विविधतापूर्ण संस्कृति को जानने का बेहतर अवसर मिलेगा। उन्होंने जीवन में स्वच्छता के महत्व के बारे में भी बच्चों को बताया। स्कूल शिक्षा मंत्री बाद में स्कूल बैण्ड प्रतियोगिता स्थल पर पहुँचे। उन्होंने कहा कि बैण्ड हमें संगीत के साथ अनुशासन की भी सीख देना है। बालरंग समारोह में पहली बार प्रतियोगिता के रूप में स्कूल बैण्ड को शामिल किया गया है।राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक प्रोफेसर सरित के. चौधुरी ने कहा कि मानव संग्रहालय देशभर में मानव जीवन की विरासत को समझने के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में पहचाना जाता है। यहाँ आये बच्चे इस संग्रहालय को देखकर अपने ज्ञान को बढ़ाएंगे। संचालक लोक शिक्षण श्रीमती अंजू पवन भदौरिया ने बालरंग समारोह में होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्कूल के विद्यार्थियों को विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति, धरोहर एवं राष्ट्रीय एकता से परिचित कराना बालरंग का उद्देश्य है। पिछले 11 वर्षों से हो रहे आयोजन से बच्चों को लाभ पहुँचा है। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी, 1996 से समारोह की शुरूआत की गई थी। वर्ष 2005 से इसे राष्ट्रीय समारोह का रूप दिया गया।राष्ट्रीय बालरंग समारोह में 13 राज्यों, 8 पूर्वोत्तर राज्यों और 5 केन्द्र शासित प्रदेशों के स्कूल के बच्चे शामिल हो रहे हैं। समारोह में कनिष्ठ एवं वरिष्ठ वर्ग में साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएँ होंगी। मदरसों एवं संस्कृत विद्यालयों के साथ दिव्यांग बच्चों के लिये विशेष प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं। राष्ट्रीय बालरंग समारोह में मुख्य आकर्षण लोक-नृत्य का रहेगा। लोक-नृत्य के माध्यम से स्कूल के बच्चे अपने राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ देंगे। पहले स्थान पर आने वाली प्रतिभागी टीम को 51 हजार, द्वितीय को 31 हजार और तृतीय स्थान पर रहने वाली टीम को 21 हजार इनाम के रूप में दिये जाएंगे
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