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नृत्य-गायन में मालवी शादी की गतिविधियॉं को दिखाया
मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा अयोजित ‘लोकरंग’ रवीन्द्र भवन परिसर, भोपाल में 26 जनवरी से आरंभ आज दूसरे दिन की प्रस्तुतियॉं घूमर में मालवी परम्परा का समवेत नृत्य—गायन में मालवी परम्परानुसार शादी समारोह की गतिविधियॉं को दिखाया गया। इसमें मटके की ध्वनि पर नृत्य—गायन आनंद दर्शकों को मिला।
सुश्री प्रतिभा रघुवंशी (उज्जैन) के सराहनीय निर्देशन में यह प्रस्तुति की गई। इसी क्रम में भवई शैली में नृत्य में राजस्थान सुश्री राखी कालबेलिया (जयपुर) ने अपनी मनमोहक प्रस्तुती दी। ढोलू कुनीथा नृत्य में पुरूष कलाकारों के समूह ने मंच पर ढोल के साथ नृत्य से दर्शकों का मनोरंजन किया। अगली प्रस्तुति में फलों की पैदावार अच्छी होने की ईश्वर से प्रार्थना करते हुए प्रस्तुत किया गया श्री हेमंथ मनजप्पा (शिमोग) के निर्देशन में हुई । माथुरी जनजातीय नृत्य तेलंगाना श्री पात्रा रमेश बाबू (चुन्तूर मंडल) के निर्देशन में होली के त्यौहार पर उत्साह मनाते हुए नृत्य को प्रस्तुत किया गया। पुरलिया छाउ नृत्य झारखण्ड़ में वीर अभिमन्यु पर केंद्रित नृत्य में कुरूक्षेत्र में युद्व करते हुए प्रस्तुति श्री विश्वदेव महतो (रॉंची) के सराहनीय निर्देशन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियॉं घूमर प्रस्तुत की गई।
विदेशी कलारूपों का प्रदर्शन देशान्तर में दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील के संगीत और गीत की एवं नृत्य की प्रस्तुति हुई। अपनी स्थानीय जनजातियों की गहरी संस्कृति को इस प्रस्तुति में दिखाया गया। यहॉं के नृत्य अपनी संस्कृतियों को पुराने और नए द्वारा खुद को व्यक्त करने के लिए, किस्से बताने और संदेशों को बहुत ही व्यक्तिगत तरीके से करने के लिए किया जाता है। यह नृत्य स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय नर्तकियों के बीच लोकप्रिय हैं। इसके बाद यूक्रेन के नृत्य को प्रस्तुति किया गया। दर्शकगण यहां की प्रस्तुतियों से आनंदित हुए।
बच्चों के गतिविधयों पर आधारित लोकरंग ‘उल्लास’ में प्रदेश के अलग—अलग स्कूल के बच्चों ने कागज से नाव,टोपी,फूलों को खेल—खेल में सुनील और सहिल शेख के निर्देशन में सीखा। जिसमें बच्चों को कहानियॉं सुनाई गयी और पहेलियॉं बुझायी गयी जिसका सभी ने आन्नद लिया। इसके बाद बाईस्कोप में फिल्मों देखी। गांधी जी के जीवन पर दास्तां श्री हिमांशु वाजपेयी ने प्रस्तुत किया उन्होंने बच्चों को गांधी जी के जीवन से सीख लेते हुए कभी झूठ न बोलने और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा दी। श्री वेदान्त भरद्वाज ने बच्चों के लिए गायन प्रस्तुत किया। यहां किताबों की प्रदर्शनी में बच्चों पन्द्रह देशों की लगभग 150 चुनिन्दा किताबें देखी।
अलग—अलग माध्यमों में शिल्प विक्रय की प्रदर्शनी में बनारसी साड़ियॉं, धार जिले से उसमान गनी ने बाघ प्रिंट में चद्दर,बेडशीट, सोफासेट कवर इत्यादि। एस.सी.एस.आर संस्था महिलाओं की स्वासहायता समूह द्वारा राघोगढ गुना द्वारा हेंडलूम दरी,पेजवर्क,हैंडवर्क से तैयार किए गए कपडों से बनी वस्तुओं की, डिंडौरी से आये संतू सिंह मरावी ने ट्रेवलआर्ट में घर में सजावट और काम में आने वाले शिल्प लामनदिया,कैंडल स्टेंड,पैनल दिवार,सूरज की,कास्ट शिल्प में छिंदवाडा के दादू लाल ने लकडी से बने मुखौटा,मगरमछ को दिखाया। उन्होंने कथनुसार लकडी से तैयार किया गया पानी का ग्लास जिसमें पानी डालकर पीने से शूगर संतुलित की बात बताई। हेमराज शर्मा गिल्ली डंडा,वेलन,हाथगाडी की प्रदर्शनी लोकरंग में देखने को मिली।
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