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धर्मगुरु शंकराचार्य के खिलाफ टिप्पणी असहनीय-महंत पुरी
नरसिंहपुर के द्विपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के खिलाफ अशोभनीय शब्दों का प्रयोग सनातन धर्म का अपमान है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उक्ताशय का एक ज्ञापन अखिल भारतीय दशनाम गोस्वामी सभा एवं विचार मध्यप्रदेश नरसिंहपुर द्वारा कलेक्टर को सौंपा गया। इस मौके पर अ.भा. दशनाम गोस्वामी सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत प्रीतम पुरी ने महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन का वाचन करते हुए कहा कि
गत दिवस राज्य मंत्री जालम सिंह पटेल द्वारा पूज्य शंकराचार्य जी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का उपयोग सार्वजनिक रूप से किया गया है। उनका यह व्यवहार घोर आपत्तिजनक है यह पूज्य शंकराचार्य जी का ही नही अपितु संपूर्ण सनातन परंपरा का अपमान है। ऐंसे मंत्री पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिये। जिससे भविष्य में हमारी सनातन परम्परा के मान बिन्दुओ पर टिप्पणी करने का दुःसाहस कोई न कर सके। विचार मंच के डॉ. संजीव चाँदोरकर, रमाकांत धाकड़, कुंजीलाल यादव ने कहा कि धर्मगुरु शंकराचार्य जी के खिलाफ टिप्पणी करने वाले अपराधी मंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। इस अवसर पर प्रमुख रूप से श्री दशनाम गोस्वामी समाज के संरक्षक रामगिरि गोस्वामी, कोषाध्यक्ष देवेन्द्र गिरि गोस्वामी, नरसिंहपुर तहसील अध्यक्ष अरविंद गिरी, ब्राम्हण समाज से एडवोकेट संजय दुबे, एडवोकेट अभिषेक शर्मा, एडवोकेट श्रीकांत सोनकिया, धनजंय शर्मा सिंहपुर आदि गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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