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दंगे में गोली चलाते वायरल वीडियो की पहचान, ठाठीपुर के राजा चौहान की गिरफ्तारी
अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदलाव से संबंधित फैसले को लेकर आयोजित भारत बंद के दौरान भड़के दंगों में ग्वालियर की वायरल हुई एक वीडियो क्लीपिंग में युवक की पहचान हो गई है। ठाठीपुर के एक व्यापारी राजा चौहान के रूप में उसकी पहचान होने पर पुलिस ने धारा 308 की एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी कर ली है। प्रदेश में सोमवार को हुए दंगों के बाद दूसरे दिन भी ग्वालियर के पांच थानों सहित भिंड व मुरैना में कर्फ्यू जारी है और कुछ अन्य जिलों में धारा 144 लागू है। सोमवार को भारत बंद के दौरान प्रदेश के 18 जिलों में आंदोलन हुआ जिसमें से ग्वालियर, भिंड, मुरैना में आंदोलन हिसंक हो गया। इसमें भिंड में मारे गए महावीर राजावत की मौत पुलिस की गोली से मारे जाने की पुष्टि होने पर दो पुलिसकर्मियों सहित पांच लोगों के खिलाफ 307 का मामला दर्ज किया गया। वहीं भिंड में ही दंगे के दूसरे दिन मंगलवार को एक और शव मिला है। इसके शरीर पर लाठी-डंडों की चोंट के निशान पाए जाने से पुलिस संदेह जता रही है कि दंगाइयों ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।
दंगे के कारण ग्वालियर में अब तक 30 एफआईआर दर्ज की गईं है जिनमें 65 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। भिंड और मुरैना में अभी एफआईआर की कार्रवाई चल रही है। वहीं इन स्थानों पर इंटरनेट सेवा को काट दिया गया है। दंगों में मरने वालों की सख्या आज आठ हो गई है लेकिन मुरैना में गोली से मृत राहुल पाठक की मौत की वजह पुरानी रंजिश बताई जा रही है। दंगों में मारे गए सभी लोगों का आज अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी ग्वालियर के ठाठीपुर, गोले का मंदिर, मुरार, डबरा व डबरा देहात सहित भिंड शहर व मेहगांव और मुरैना जिले में कर्फ्यू जारी है।
अवकाश रद्द किए गए
ग्वालियर और चंबल में कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर सभी पुलिसकर्मियों के अवकाशों को आगामी धार्मिक त्योहारों व आंदोलन की वजह से रद्द कर दिया गया है। इसी तरह पुलिस मुख्यालय में विभिन्न पुलिस इकाइयों से तबादले के आवेदन लेकर पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों को बिना इकाई प्रमुख की अनुमति के आने पर भी रोक दी है।
कानून व्यवस्था की समीक्षा
दंगों के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने दूसरे दिन भी कानून व्यवस्था की समीक्षा की। कलेक्टर और एसपी को कहा गया है कि सामान्य वर्ग व ओबीसी के 10 अप्रैल को आयोजित भारत बंद और आंबेडकर जयंती को देखते हुए वे एकसाथ जिला मुख्यालय को नहीं छोड़ें।
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