-
दुनिया
-
अफ्रीकी चीता गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया
-
पं. प्रदीप मिश्रा सीहोरवाले के कुबरेश्वरधाम में महाशिवरात्रि के बाजार सजे, देशभर से आ रहे अनुयायी
-
डॉक्टर ने जर्मनी में पत्नी से देह व्यापार कराने की कोशिश, इंदौर में दर्ज हुआ मामला
-
मध्य प्रदेश में साइबर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के हर साल बढ़ रहे मामले, सोशल मीडिया प्लेटफार्म माध्यम
-
मैनिट भोपाल में स्टार्टअप एक्सपो, युवाओं, निवेशकों-ग्राहकों को मिलेगा मंच
-
जनजातीय संग्रहालय में सन्डे
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में प्रत्येक गुरुवार को आयोजित बाल फ़िल्मों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रृंखला ‘उल्लास’ में आज पंकज अडवाणी द्वारा निर्देशित बाल फ़िल्म ‘सन्डे’ का प्रदर्शन हुआ|
इस फ़िल्म के केंद्र में चिंटू और उसके माता-पिता हैं| सन्डे की सुबह चिंटू अपनी माँ के साथ अपने पापा को लेने पास के ही रेलवे स्टेशन जाता है| परन्तु उसके पिता सोते रहते हैं और अपने स्टेशन से आगे चले जाते हैं| अतः चिंटू और उसकी माँ अगले स्टेशन पर जाते हैं, जिससे उसके पिता को वहाँ से ले सकें, लेकिन चिंटू और उसके पिता एक ट्रेन में और उनकी माँ दूसरी ट्रेन में पहुँच जाते हैं| फ़िल्म के अंत में वह सब अपनी सूझबुझ से मिल जाते हैं और अपने घर जाते हैं| इस फ़िल्म को 41 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सन 1994 में सर्वश्रेष्ठ लघु फिक्शन फिल्म के साथ ही साथ सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन का भी पुरस्कार मिल चुका है| इस फ़िल्म की अवधि लगभग 64 मिनट है| पंकज अडवाणी भारतीय फ़िल्मी जगत के जाने माने निर्देशक हैं| पंकज अडवाणी ने इस फ़िल्म का निर्माण सन् 1993में चिल्ड्रेन फ़िल्म सोसाइटी के सहयोग से किया|
Leave a Reply