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कर्ज माफी पर कांग्रेस-भाजपा में सियासती जंग
लोकसभा चुनाव में चुनावी सियासत तेज हो गई है। कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग प्रमाण के प्रस्तुतिकरण तक पहुंच गई है। जब चुनावी मंच से भाजपा नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक कांग्रेस की कर्ज माफी धोखा बता रहे हैं तब कांग्रेस ने गांधीगिरी दिखाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर कर्ज माफी के सरकारी प्रमाणों के बंडल बनाकर सौंप दिए। शिवराज सिंह चौहान के घर पर दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात कही और न शिवराज संतुष्ट हुए न कांग्रेस नेता।
कर्ज माफी के प्रमाण लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता दो जीप में बंडल भरकर पीसीसी से रवाना हुए। गाड़ियों का काफिला 74 बंगला स्थित शिवराज सिंह चौहान के बंगले पहुंचा तो वहां सिर पर बंडल लेकर नेता बंगले में प्रवेश किए। वहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया।
पचौरी ने कहा कि आप और अन्य भाजपा नेता कर्ज माफी को लेकर जिस तरह बयान दे रहे हैं लगता है कि आपको जानकारी नहीं है। इसलिए हम प्रमाण लेकर आए हैं कि 21.06 लाख किसानों की कर्ज माफी हो गई है। आचार संहिता लागू हो जाने से चुनाव आयोग से अनुमति नहीं मिलने से कर्ज माफी नहीं हो पा रही है। इसके जवाब में शिवराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि दस दिन में किसान कर्ज माफी हो जाएगी और नहीं हुई तो 11वें दिन सीएम बदल दिया जाएगा। खरगोन का उदाहरण दिया कि वहां उन्हें एक किसान ने कहा था कि कर्ज माफी धोखा है। इस पर पचौरी ने कहा कि कर्ज माफी आदेश में फसल ऋण माफी शब्द लिखा है। किसान का फसल ऋण नहीं कोई दूसरा ऋण होगा।
सीएम ने कहा मैं देर से बोलता हूं मगर सच बोलता हूें
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिनभर चले इस घटनाक्रम के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे मुख्यमंत्री निवास पर पत्रकार वार्ता में कहा कि मैं देर से बोलता हूं लेकिन सच बोलता हूं। कर्ज माफी की राशि सहकारी और शेडयूल बैंक की थी जिसमें से शेड्यूल बैंकों को सहमत कराने के लिए चेतावनी देना पड़ी। उनसे कहा गया कि जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकते हैं तो किसानों का क्यों नहीं। अगर किसानों की कर्ज माफी नहीं की तो आपकी शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों से बंद कर औद्योगिक क्षेत्र में ले जाएं। इसके बाद वे 50 फीसदी कर्ज माफी पर सहमत हुए। कर्ज माफी की प्रक्रिया में समय लगने की बात कहते हुए नाथ ने कहा कि शिवराज को भी यह पता होना चाहिए कि इतना समय तो लगता ही है। वैसे किसान कर्ज माफी का निर्णय तो 17 दिसंबर को शपथ लेने के दो घंटे के भीतर वल्लभ भवन में कर दिया था। कैबिनेट फैसला और अन्य औपचारिकताएं होते-होते ज्यादा समय हो गया। इससे आचार संहिता लागू होने के पहले तक 21.06 लाख किसानों की कर्ज माफी का आंकड़ा पा लिया। नाथ ने चुनाव आयोग से आज ही जिन क्षेत्रों में चुनाव की मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई है, वहां कर्ज माफी की राशि किसान के खाते में पहुंचने की अनुमति दी है। अब 13 लोकसभा क्षेत्रों में यह प्रक्रिया बुधवार से शुरू कर दी जाएगी।
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