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उत्तराधिकार में हुईं उपशास्त्रीय गायन एवं भरतनाट्यम नृत्य की प्रस्तुतियाँ
मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में परम्परा, प्रदर्शनकारी कला एवं नवांकुरों के लिए स्थापित श्रृंखला ‘उत्तराधिकार’ में आज ‘उपशास्त्रीय गायन’ एवं ‘भरतनाट्यम नृत्य’ की प्रस्तुतियाँ संग्रहालय सभागार में हुईं|
उपशास्त्रीय गायन की शुरुआत पंडित.श्रीराम मराठे ने अपने साथी कलाकारों के साथ राग यमन कल्याण में विलम्बित ख्याल और एक ताल में ‘मोरा मन बांध लीनो इन जोगीय के साथ’ प्रस्तुत कर किया| इसके पश्चात पंडित.श्रीराम मराठे ने छोटा ख्याल में ‘मन तू काहे न धीर धरत अब’ प्रस्तुत कर दर्शकों को अपनी गायिकी से मोह लिया| इसके बाद कलाकारों ने संत तुलसीदास की रचना ‘धीर धरे सब कारज सुधरत’ और राम मारु बिहाग में पंडित नारायण राव गुणे की रचना ‘कहु के मन को लुभावन जात है’ प्रस्तुत किया| पंडित.श्रीराम मराठे ने साथी कलाकारों के साथ मिश्र खमाज में ठुमरी’अकेली दर लागे’ और राग मिश्र खमाज में संत सूरदास की रचना ‘मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो’प्रस्तुत कर अपनी प्रस्तुति को विराम दिया| इस प्रस्तुति में पंडित.श्रीराम मराठे का साथ गायन में विजय, अंजलि और पूर्वी सप्रे ने दिया और संगतकारों में तबले पर इकरार हुसैन ने, सारंगी पर शाहरुख हुसैन ने और हारमोनियम पर विवेक तिवारी ने संगत की|
गायन के पश्चात् अनुराधा वेंकटरमन ने अपने साथी कलाकारों के साथ यमुना और कृष्ण केंद्रित कथाओं पर ‘भरतनाट्यम नृत्य’ प्रस्तुत किया| इस प्रस्तुति में कलाकारों ने अपने नृत्याभिनय कौशल से यमुना और भगवान कृष्ण को मंच पर बिम्बित किया| इस कथा में यमुना, कृष्ण को बताती हैं कि राधा के जाने के बाद उन्हीं ने उन्हें(कृष्ण को) सांत्वना दी थी और जब कृष्ण गोपियों के वस्त्र ले लेते हैं|अतः गोपियाँ कृष्ण से नाराज हो जाती हैं, तब भी यमुना गोपियों को मनाती हैं| यमुना कृष्ण से कहती हैं देखो कुरुक्षेत्र के युद्ध के बाद आज न तो कौरव और न ही पांडव तुम्हारे साथ हैं, परन्तु मैं हमेशा की तरह तुम्हारे साथ ही हूँ और रहूंगी भी, यमुना कृष्ण को बताती हैं कि जब उन्होंने कंस का वध किया था, तब उन्हीं ने सभी जगह उनकी कीर्ति पहुंचायी थी| इस कथा को और कृष्ण-यमुना के संवाद को नृत्य रूप में देख दर्शकों ने प्रस्तुति के दौरान कई बार कलाकारों का उत्साहवर्धन करतल ध्वनि से किया| नृत्य प्रस्तुति के दौरान अनुराधा वेंकटरमन का साथ मंच पर राधिका रामानुजन और रामा वेणुगोपालन ने दिया|
पंडित.श्रीराम मराठे लम्बे समय से गायन के क्षेत्र में सक्रीय हैं| पंडित. श्रीराम मराठे गायन की कई प्रस्तुतियाँ देश के विभिन्न कला मंचों पर दी हैं| अनुराधा वेंकटरमन को कई प्रतिष्ठित सम्मानों और पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है| वैजंतीकाशी ने देश के विभिन्न कला मंचों पर कुच्चीपुड़ि नृत्य की कई मोहक प्रस्तुतियाँ दी हैं|
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