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अात्महत्या का प्रयास अब नहीं माना जाएगा अपराध
मानसिक रोगियों को सामुदायिक माहौल में बेहतर इलाज उपलब्ध कराने तथा आत्महत्या के प्रयास को गंभीर अवसाद की श्रेणी में डालते हुए उसे अपराध नहीं मानने की व्यवस्था वाले ‘मानसिक स्वास्थ्य देख रेख विधेयक 2016’ को आज संसद की मंजूरी मिल गई।
लोकसभा ने इस विधेयक को आज ध्वनिमत से पारित कर दिया जबकि राज्य सभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। विधेयक में मानसिक रोगियो की परिभाषा और उन्हे अबतक उपलब्ध उपचार की व्यवस्था में आमूल बदलाव के प्रावधान किए गए है।
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