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रीवा में ऊर्जा डेस्क ने मांगा टॉयलेट तो कुछ जिलों ने ट्रेनिंग की डिमांड रखी
अतिरिक्त महानिदेशक महिला अपराध अन्वेष मंगलम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 12 जिलों के एसपी के साथ ऊर्जा (URJA-अर्जेन्ट रिलीफ फॉर जस्ट एक्शन) डेस्क की समीक्षा बैठक की। जिलों ने कई मांगें रखीं जिसके कारण काम करने में परेशानियां आ रही हैं। रीवा जिले ने महिला टॉयलेट नहीं होने से ऊर्जा डेस्क में आने वाली महिलाओं को परेशानी होने तो बेसिक ट्रेनिंग नहीं होने से काम में तकलीफ आने की समस्याएं रखीं।मंगलम ने कहा कि महिला अपराधों के संबंध में ऊर्जा डेस्क महिला पीडि़ता की शिकायतों पर संवेदनशीलता एवं सहानुभूति के साथ कार्रवाई करें तथा उन्हें अहसास कराएं कि वे सही स्थान पर आई हैं। उन्हें न्याय मिलेगा। किसी भी तरह से केवल खानापूर्ति न की जाए सिर्फ और सिर्फ सटीक कार्रवाई हो। उन्होंने सभी एसपी को निर्देशित किया कि ऊर्जा डेस्क के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराकर अधिकारी एवं कर्मचारियों की नियमित रूप से ड्यूटी लगाकर सही कार्रवाई के लिए सतत मॉनिटरिंग करें।
ऊर्जा हेल्प डेस्क में कार्यरत सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को निर्धारित कार्यक्रम अनुसार प्राथमिकता के आधार पर प्रशिक्षण दिलाया जाए। ऊर्जा हेल्प डेस्क के लिए आवश्यक संसाधनों एवं अन्य जरूरतों के लिए पीएचक्यू की संबंधित शाखा को यथाशीघ्र मांग प्रेषित की जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा डेस्क में समर्थ, संवेदनशील एवं कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी/कर्मचारियों को रखा जाए। मंगलम ने कहा कि स्थानीय सामाजिक, धार्मिक एवं अन्य संगठनों सहित ग्राम रक्षा समिति, आशा कार्यकर्ता, दीदी आदि के सहयोग से थानों के आसपास के अंचलों में महिला अपराधों के प्रति जागरुकता एवं ऊर्जा डेस्क के संबंध में जानकारी देने के लिए व्यापक एवं कारगर प्रयास किए जाएं।
ऊर्जा डेस्क स्टाफ वॉट्सअप ग्रुप से जुड़कर निर्देशों, सूचनाओं एवं अन्य किसी भी जानकारी का त्वरित आदान-प्रदान करें। उन्होंने कहा कि ऊर्जा डेस्क से संबंधित कार्रवाई गंभीर एवं सटीक हो इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। मंगलम ने 12 जिलों के सभी एसपी से ऊर्जा हेल्प डेस्क के संबंध में एक-एक करके विस्तृत जानकारी ली एवं निर्देश दिए। गौरतलब है कि ऊर्जा डेस्क विदिशा, रतलाम, इंदौर, भोपाल, बैतूल, सिवनी, बालाघाट, रीवा, जबलपुर, पन्ना, मुरैना एवं ग्वालियर सहित12 जिलों के 180 थानों में आई पीडि़त महिलाओं की शिकायतें एवं समस्याएं सुनने के लिए पृथक रूप से स्थापित की गई है। पहले वर्ष इन 180 थानों में ऊर्जा डेस्क के कार्य करने के बाद प्राप्त हुए वैज्ञानिक डेटा के आधार पर महिला अपराधों एवं अपराध पीडि़ताओं के बचाव के लिए आगे की नीति एवं कार्रवाई की योजना बनाई जाएगी। इस अवसर पर सहायक पुलिस महानिरीक्षक शालिनी दीक्षित, सुश्री इमरीन शाह, एमएसमुजाल्दे, मनोज केडिया उपस्थित थे।
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