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प्रिवेंसन ऑफ मनी लाड्रिंग एक्ट के अपराधों को ईडी को सौंपा जा सकता हैः नकवी

प्रिवेंसन ऑफ मनी लाड्रिंग एक्ट के अपराधों को ईडी को सौंपा जा सकता हैः नकवी

वित्तीय एवं सहकारी संस्थाओं से संबंधित अपराधों की विवेचना को कैसे प्रभावी बनाया जाए, इसको लेकर आयोजित तीन दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में एडीजी डॉ. एसडब्ल्यू नकवी ने कहा कि अगर कहीं प्रिवेंसन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के अपराधों में पकड़ा जाता है तो उसे तुरंत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपकर जांच कराना चाहिए। इसके लिए एसपी अपराध अनुसंधान विभाग के माध्य़म से प्रकरण ईडी को सौंपने की सिफारिश कर सकता है।

वित्तीय और सकारी संस्थाओं में आर्थिक अपराध करने वालों को सजा दिलाने के लिए कौन-कौन से अधिनियम एवं प्रावधान है। इन सब की बारीकियाँ प्रदेश भर से आए पुलिस के विवेचना अधिकारियों ने प्रशिक्षण के दूसरे दिन भी सीखीं। ”वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित अपराध” विषय पर यह राज्‍य स्‍तरीय प्रशिक्षण सह सेमीनार यहाँ मध्‍यप्रदेश पुलिस अकादमी भौंरी में आयोजित हो रहा है।
गुरूवार को आयोजित हुए प्रशिक्षण सत्र में महानिदेशक आर्थिक अपराध श्री के.एन.तिवारी, अतिरिक्‍त पु‍लिस महानिदेशक प्रशासन श्री एस.डब्‍ल्‍यू नकवी, अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक कॉपरेटिव फ्रॉड डॉ राजेन्‍द्र मिश्र, प्रर्वतन निदेशालय के इंदौर स्थित इन्‍फोर्समेंट निदेशालय के उप निदेशक श्री पलास भोयार, राज्‍य सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक श्री रितुराज रंजन, कंपनी सेक्रेट्री श्री‍म‍ती अनुराधा सिंघई, आईसीआईसीआई प्रु्डेंसियल के रिसोर्स पर्सन श्री अमजद खान व आनंदो आकाश गुहा एवं आईसीआईसीआई बैंक भोपाल के क्षे‍त्रीय प्रबंधक श्री भानू उमरे ने वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित अपराधों की विवेचना को प्रभावी बनाने के लिए उपयोगी जानकारी दी।
महानिदेशक आर्थिक अपराध श्री के.एन.तिवारी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण में वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित अपराधों से निपटने के बारे में उपयोगी जानकारी दी गई है। इस जानकारी का उपयोग कर पुलिस अधिकारी विवेचना को और प्रभावी बना सकते हैं। उन्‍होंने आर्थिक अपराधों की प्रकृति और दोषियों को सजा दिलाने से संबंधित गुर भी बताए।
अतिरिक्‍त पु‍लिस महानिदेशक प्रशासन श्री एस.डब्‍ल्‍यू नकवी ने कहा प्रिवेंसन ऑफ मनीलॉड्रिग एक्‍ट में अधिसूचित जिन अपराधों में गंभीर प्रकृति की एफआईआर दर्ज होती हैं। यदि जरूरी समझा जाए तो संबंधित पुलिस अधीक्षक ऐसे प्रकरणों को अपराध अनुसंधान शाखा के माध्‍यम से प्रर्वतन निदेशालय को भेज सकते हैं।
प्रर्वतन निदेशालय के इंदौर स्थित इन्‍फोर्समेंट निदेशालय के उप निदेशक श्री पलास भोयार ने प्रिवेंसन ऑफ मनीलॉड्रिग एक्‍ट पर विस्‍तार से प्रकाश डाला। साथ ही पुलिस एवं प्रर्वतन निदेशालय की विवेचना की समानता एवं असमानता को भी रेखांकित किया। तकनीकी सत्रों में इसके अलावा अन्‍य विषय विशेषज्ञों द्वारा वित्‍तीय एवं सहकारी संस्‍थाओं से संबंधित आर्थिक अपराध के बारे में विस्‍तारपूर्वक
जानकारी दी गई। तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण कार्यक्रम सह सेमीनार का समापन 27 सितंबर को होगा।

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