-
दुनिया
-
अफ्रीकी चीता गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया
-
पं. प्रदीप मिश्रा सीहोरवाले के कुबरेश्वरधाम में महाशिवरात्रि के बाजार सजे, देशभर से आ रहे अनुयायी
-
डॉक्टर ने जर्मनी में पत्नी से देह व्यापार कराने की कोशिश, इंदौर में दर्ज हुआ मामला
-
मध्य प्रदेश में साइबर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के हर साल बढ़ रहे मामले, सोशल मीडिया प्लेटफार्म माध्यम
-
मैनिट भोपाल में स्टार्टअप एक्सपो, युवाओं, निवेशकों-ग्राहकों को मिलेगा मंच
-
‘‘नमामि देवी नर्मदे“ यात्रा की घोषणा भी ‘‘नमामि गंगे योजना“ की तरह ही हवा-हवाई: कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पोल खोलो-वास्तविकता बताओ अभियान के तहत आज ‘‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा“ के दौरान व उसके समापन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा की गयी कई घोषणाओं की याद दिलाते हुए कहा कि आज इस यात्रा के समापन को 13 माह से अधिक हो चले है। माँ नर्मदा प्रदेश की जीवनदायिनी नदी होने के साथ-साथ आस्था की भी केंद्र है।नाथ ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ‘‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा“ के दौरान व प्रधानमंत्री मोदी जी की उपस्थिति में इसके समापन कार्यक्रम के दौरान कई बड़े-बड़े वादे व घोषणाएँ की थीं। जो आज तक पूरी होने का इंतज़ार कर रही हंै। ऐसा लग रहा है कि ‘‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा“ की घोषणाएँ भी ‘‘नमामि गंगे योजना“ की तरह ही हवा-हवाई ना हो जाये? शिवराज जी ने नर्मदा नदी के संरक्षण, संवर्धन व इसे अविरल व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये 11 दिसंबर 2016 को 148 दिवसीय ‘‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा“ का शुभारंभ नर्मदा नदी के उदग़म स्थल अमरकण्टक से किया था और इसका समापन भी अमरकण्टक में ही 15 मई 2017 को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में किया था।
कमलनाथ ने कहा कि इस यात्रा के दौरान कई अभिनेताओं, राजनेताओं व संत-महात्माओं को बुलाया गया था। कई घोषणाएँ इस यात्रा के दौरान व समापन कार्यक्रम के दौरान की गयी थीं। इस यात्रा के समापन के एक वर्ष पूर्ण होने पर भी भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। वेसे तो इस यात्रा के दौरान ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से कहा था कि नर्मदा के संरक्षण को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, यदि उस पर गंभीरता से अमल हो तो ही नर्मदा बची रह सकती है।
श्री नाथ ने कहा कि इस यात्रा के लिये करोड़ों रुपये ख़र्च किये गये। यहाँ तक कि न्यूयार्क के अखबारो में भी इसके विज्ञापन दिये गये। इस यात्रा को लेकर आरटीआई के जरिए यह बात भी सामने आयी कि 4 मार्च को महेश्वर घाट पर हुई एक आरती के लिये 58 हजार 650 रुपये का सरकारी भुगतान एक इवेंट कंपनी को किया गया। ठहरने, खाने आदि में हुए ख़र्च में ऐसे कई फ़र्ज़ीवाडे बाद में सामने आये।
Leave a Reply