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टीडीपी मंत्रियों ने इस्तीफा दिया
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर अड़े मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से पीएम मोदी की बात करने का भी कोई हल नहीं निकल सका है। टीडीपी कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई. एस चौधरी पीएम मोदी से मिलने के बाद इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की जिससे यह उम्मीद जगने लगी थी कि बीजेपी-टीडीपी गठबंधन बच सकता है। टीडीपी के जवाब में आंध्र प्रदेश में नायडू सरकार में भाजपा के दो मंत्रियों के. श्रीनिवास राव और टी. माणिकयला राव ने भी इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की। नायडू ने कहा, ‘जब उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा तो इसमें बने रहने में कोई तुक नहीं। मेरे लिए एकमात्र एजेंडा राज्य के हितों की सुरक्षा करना है।’
दरअसल, आंध्र में विशेष राज्य के दर्जे को लेकर राजनीति गहरा गई थी। जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर-कांग्रेस ने केंद्र को पांच अप्रैल तक विशेष राज्य की घोषणा का अल्टीमेटम दे रखा है। ऐसा नहीं होने पार्टी के सभी नौ सांसद और विधायक संबद्ध सदनों से इस्तीफा दे देंगे। इस अल्टीमेटम के बाद राज्य में कौन आगे की लड़ाई शुरू हो गई थी। सत्तारूढ़ टीडीपी को मजबूरी में इस लड़ाई में कूदना पड़ गया। यही मजबूरी उसके गले की फांस बनकर राजग से अलग होने का कारण बन गया।
यह है नाराजगी
टीडीपी का कहना है कि केंद्र सरकार राज्यसभा में दिए आश्वासनों को पूरा करने में नाकाम रही। नायडू ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन इसलिए किया गया था, ताकि आंध्र को न्याय मिल सके। लेकिन ऐसा हो न सका। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री नायडू दर्जनों बार दिल्ली में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मिले। फिर भी उनके अनुरोध पर गौर नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश को अवैज्ञानिक तरीके से बांटा गया था। इससे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चार साल से राज्य के लोग अपने साथ इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन बजट में भी आंध्र को फंड नहीं दिए गए।
विशेष राज्य का दर्जा संभव नहीं
आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा इसलिए कई कारणों से संभव नहीं है। एक तो इसके लिए नियमों में बदलाव करने पड़ेंगे। अगर नियमों में बदलाव कर भी दिया गया तो बिहार, झारखंड जैसे अन्य राज्य भी इसी तरह की मांग शुरू कर देंगे। इसलिए मोदी सरकार टीडीपी की मांग के आगे किसी भी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं है।
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